कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर पूरे देश में तीन मई लॉकडाउन (बंद) लगा हुआ है जिसके कारण सभी दुकाने व्यवसाय बंद पड़े हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में कुछ ढील देते हुए आज से कुछ दुकानों को खोलने की अनुमति दी है।
अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो केंद्र सरकार के फैसले पर असमंजस की स्थिती पैदा हो गई जिसके कारण शनिवार को भी दिल्ली में गैर जरूरी सामान की बिक्री करने वाली दुकानें बंद रही। दुकानदारों का मानना है कि लॉकडाउन के दौरान दुकानों को खोलने के संबंध में केंद्र सरकार का फैसला स्पष्ट नहीं हो पाया है इसी के मद्देनजर दुकानदारों ने सरकार के आदेश पर और स्पष्टता की मांग की है।
राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों ने भी कहा कि वे गृह मंत्रालय के आदेश के आलोक में दिल्ली सरकार से शहर में दुकानदारों के लिए नए दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। केंद्र के आदेश में एकल दुकानों और आस-पड़ोस की दुकानों को सीमित कर्मचारियों के साथ खोलने की अनुमति दी गयी है। दिल्ली सरकार ने नए आदेश पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है ।
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को देर रात नया दिशा-निर्देश जारी कर कहा कि मौजूदा लॉकडाउन के दौरान शहरी इलाके में आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों सहित आस-पड़ोस की और एकल दुकानें खुल सकती हैं लेकिन बाजार की दुकानें तीन मई तक बंद रहेगी।
क्या दिल्ली सरकार पाबंदी में ढील देने पर विचार कर रही है , इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 92 ‘हॉटस्पॉट’ हैं लेकिन समूचा शहर हॉटस्पॉट नहीं है। उन्होंने इस पर आगे कुछ नहीं कहा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन पहले की तरह जारी रहेगा और 27 अप्रैल को विशेषज्ञों के साथ होने वाली समीक्षा बैठक के पहले कोई ढील नहीं दी जाएगी।
पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर में शनिवार को किराना और दवा की दुकानों को छोड़कर किसी भी तरह की दुकानें नहीं खुली।किराना सामान के थोक विक्रेता रमेश गुप्ता ने कहा कि वह गृह मंत्रालय के नए आदेश से वाकिफ हैं लेकिन अपनी दुकान खोलने के पहले इस संबंध में और स्पष्टता चाहते हैं ।
दक्षिण दिल्ली के भोगल में किराना दुकानें खुलीं। फल और सब्जियों की दुकानों भी खुली थी । मुनिरका में भी यही स्थिति थी और यहां राशन की चुनिंदा दुकानें खुली । उत्तरपूर्वी दिल्ली के बुराड़ी और दिलशाद गार्डन और पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर में भी कमोबेश यही स्थिति रही ।