लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

निर्भया केस : पटियाला कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट पर सुनवाई 7 जनवरी तक टाली

निर्भया की मां ने दिल्ली के सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले के चार में से एक दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का बुधवार को स्वागत किया।

दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने निर्भया मामले के दोषियों के डेथ वारंट पर सुनवाई सात जनवरी तक टाल दी है। न्यायालय ने तिहाड़ जेल प्रशासन से चारों दोषियों को नोटिस जारी करने को कहा है ताकि दोषी सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकें। इसे देखते हुए अब इनकी फांसी की सजा सात जनवरी तक टल गई है। दरअसल निर्भया के माता- पिता ने न्यायालय से दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा की मांग करते हुए डेथ वारंट जारी करने की गुहार लगाई थी। 

निर्भया केस: सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय की पुनर्विचार याचिका की खारिज

तिहाड़ जेल प्रशासन अब दोषियों को नोटिस जारी कर पूछेगा कि क्या वे नये सिरे से दया याचिका दायर करना चाहते हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा की अदालत ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की थी। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने राजधानी के निर्भया दुष्कर्म मामले के गुनाहगार अक्षय सिंह की पुनर्विचार याचिका आज खारिज कर दी और उसकी फांसी की सजा बरकरार रखी। उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने अक्षय की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि याचिका में कोई दम नहीं है।
न्यायमूर्ति भानुमति ने खंडपीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘ याचिकाकर्ता को हमने नये तथ्य पेश करने के लिए पर्याप्त मौका दिया। हमने हर आधार पर विचार किया है। याचिकाकर्ता ने सबूतों को स्वीकार करने की मांग की है। इन आधारों पर पहले विचार किया जा चुका है। फिर से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इन सभी का परीक्षण निचली अदालत, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में पहले ही किया जा चुका है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘ पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है। फांसी की सजा बरकरार रहेगी।’’ इसके बाद अक्षय के वकील ए पी सिंह ने न्यायालय से संशोधन याचिका दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और कहा कि इसके लिए केवल एक सप्ताह का वक्त निर्धारित है।
न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि वह इस मामले में कोई राय नहीं दे रही हैं। याचिकाकर्ता को निर्धारित कानून के दायरे में संशोधन याचिका दायर करने की अनुमति है। इस मामले के तीन अन्य दोषी विनय, मुकेश और पवन की पुनर्विचार याचिकाएं पहले ही खारिज की जा चुकी हैं। 
गौरतलब है कि 16 दिसम्बर 2012 को राजधानी में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने के बाद उसे गम्भीर हालत में फेंक दिया गया था। दिल्ली में इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट करके सिंगापुर के महारानी एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी थी। इस मामले के छह आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था। उसने वहां से सजा पूरी कर ली थी। एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two + 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।