राजधानी में पिछले वर्ष 2020 में उत्तरी पूर्वी इलाके में बड़ी मात्रा में दंगे हये थे । इन दंगो में मासूम लोगों की जांन गई थी और अनेक परिवार वालों ने अपना परिजन खो दिया दिया था यह इलाका दंगों की आग में जूझ गया था। इसी मुद्दे को लकर शीर्ष अदालात ने यूनाइटेड अगेंस्ट हेट अभियान के संस्थापक खालिद सैफी की जमानत अर्जी को कुछ समय के लिए टाल दिया हैं। यह राजधानी के दंगों के मामले में सम्मिलत था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत अब 24 मार्च को फैसला सुनाएंगे।इससे पहले, पीठ ने 16 फरवरी को सैफी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने तर्क दिया था कि अभियोजन पक्ष ने अलग-अलग संदेशों को लेकर अपना तर्क बनाया था।
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
जानकारी के मुताबिक, सैफी, कई अन्य लोगों के साथ, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत कथित तौर पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद हुए दंगों के ‘मास्टरमाइंड’ होने के लिए मामला दर्ज किया गया है।जॉन ने पिछली सुनवाई में तर्क दिया, अभियोजन कथा को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास क्यों कर रहा है? एक समुदाय पर कथा न डालें। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को नजरअंदाज न करें, वह भी इस व्हाट्सएप ग्रुप को पढ़ने से स्पष्ट है।
दिल्ली दंगों में शामिल थे ये व्यक्ति
हालांकि, उन्होंने तर्क दिया, विरोध सांप्रदायिक नहीं था, सिवाय इसके कि जो लोग विधेयक के खिलाफ थे वे एक विशेष समुदाय के थे।सैफी को दंगों से संबंधित तीन मामलों में आरोपी बनाया गया है, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और 700 घायल हो गए, लेकिन दो में जमानत दे दी गई।
सैफी के अलावा शरजील इमाम, ताहिर हुसैन, सफूरा जरगर, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, उमर खालिद, इशरत जहां बड़े साजिश के मामले में अन्य आरोपी हैं। अन्य में मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, सलीम खान, अतहर खान और फैजान खान शामिल हैं।