दिल्ली की एक अदालत ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में भाजपा नेता हरीश खुराना को बुधवार को जमानत दे दी।
खुराना और भाजपा के अन्य नेताओं ने सरकारी स्कूलों में कमरों (क्लासरूम्स) के निर्माण में भ्रष्टचार का आरोप लगाया था।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने खुराना को 20,000 रुपये के निजी मुचलके और 20,000 रुपये की जमानत राशि पर जमानत दे दी।
अदालत ने भाजपा नेता हंसराज हंस और परवेश वर्मा तथा शिअद नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के खिलाफ पेश नहीं होने और अदालत द्वारा पहले जारी किए गए समन को नजरअंदाज करने के लिए जमानती वारेंट भी जारी किया।
इस बीच, अदालत ने प्रदेश भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी और पार्टी नेता विजेंद्र गुप्ता को निजी तौर पर पेश होने से छूट दे दी।
उनके वकीलों ने आवेदन दिया था जिसके बाद उन्हें राहत दी गई।
वकील नीरज की ओर से दायर याचिका में तिवारी ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने की वजह से वह बुधवार को अदालत में पेश नहीं हो सके।
गुप्ता के वकील ने उनके स्वास्थ्य संबंधी मसलों की वजह से उनके पेश नहीं होने की बात कही।