दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।बता दें इसमें सबसे बड़ी समस्या बनती है धूल और वायु प्रदूषण। हालांकि, दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में 1 अक्टूबर से ही GRAP और इसके तहत आने वाली पाबंदियों को लागू कर दिया है।फिर भी, सर्दियों के मौसम में हवा के जहरीली होने की समस्या से इनकार नहीं किया जा सकता है। सर्दियों में पराली और कूड़ों को ढेर जिनमें सिंगल यूज प्लास्टिक की बहुतायत होती है, उससे हवा के जहरीले होने का खतरा बढ़ जाता है।इसे देखते हुए एक बार फिर से सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर चर्चा होने लगी है।
प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा प्लास्टिक का इस्तेमाल
आपको बता दें प्रतिबंध के बावजूद इसके इस्तेमाल को लेकर हालात में कोई बदलाव नहीं आया है और यह आज भी दिल्ली समेत देश के विभिन्न शहरों के बाजारों में पहले की तरह मौजूद है। यह दावा टॉक्सिक लिंक की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली , मुम्बई, बेंगलुरु, गुवाहाटी और ग्वालियर के मार्केट में किये गए सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है।सर्वे के अनुसार, सिंगल यूज प्लास्टिक सिर्फ कागजों पर प्रतिबंधित है, जबकि हकीकत में धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल दिल्ली में हो रहा है
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में सबसे अधिक 88 प्रतिशत प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि ग्वालियर में 84 प्रतिशत, मुंबई में 71 प्रतिशत और गुवाहाटी में 77 प्रतिशत सर्वे पॉइंट्स में इन उत्पादों की मौजूदगी पाई गई। वहीं बेंगलुरु में सबसे कम 55 प्रतिशत इस्तेमाल पाया गया।