देश में त्योहारों का सिलसिला शुरू हो गया है। अभी कुछ ही दिनों में छठ का त्योहार आने वाला है।इसी पर दिल्ली में छठ पूजा मनाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। बता दे कि इस बार विवाद छठ घाट बनाने को लेकर जमीन से जुड़ा है।दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से रामलीला मैदान और मेला स्थलों को घाट बनाने के लिए कहा है। लेकिन दिल्ली सरकार यमुना किनारे ही घाट बनाना चाहती है।
डीडीए का कहना है कि
दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि कई जगहों पर डीडीए की तरफ से जमीन मिलने पर समस्या आ रही है। उनको कहना है कि डीडीए ने ज्यादातर जमीनों को पहले ही छठ पूजा के लिए आरक्षित कर लिया है। डीडीए ने इस साल कोई भी अलग प्रक्रिया नहीं अपनाई है। जो हर साल होता है, वहीं इस साल भी हुआ है। हमेशा इसी तरीके से छठ के लिए प्रबंध किया जाता है।
छठ पूजा के लिए स्थानों को आरक्षित किया जाए
इसपर कई धर्मिक व सामाजिक संस्थाए एक ही सवाल कर रही है कि सिर्फ रामलीला मेला के लिए ही जगहों को आरक्षित क्यों किया गया है, लेकिन डीडीए ग्राउंड पर कई स्थानों पर जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा, छठ पूजा का आयोजन होता आया है, लेकिन अब ये संगठन मांग कर रहे है कि जिस तर्ज पर रामलीला-मेला के लिए दिए गए है। उसी तरह दुर्गा पूजा, छठ पूजा व अन्य त्योहारों-पूजा के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण की भूमि उन आयोजकों के लिए आरक्षित कर दी जाएं जो वहां पिछले 8-10 वर्षो से पूजा आयोजन करते आए हैं।