दिल्ली में आज दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) कर्मचारियों की यूनियन हड़ताल पर है जिसके चलते 3700 डीटीसी बसें डिपो पर खड़ी है। डीटीसी के ठेका कर्मचारी डीटीसी संविदा श्रमिक संघ के बैनर तले गत आज से हड़ताल पर है। उनकी मांगों में उस भत्ते को भी बहाल करना शामिल है जिसे एक अदालत के आदेश के बाद डीटीसी ने कम कर दिया था और समान काम समान वेतन लागू किया जाए।
डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर ने भी हड़ताल किये जाने का आह्वान किया है। इस बीच डीटीसी ने एक प्रेस बयान में कहा कि दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन दरों को बहाल किया था जो ठेका कर्मचारियों के लिए 4 अगस्त, 2018 से पहले लागू थी और न्यूनतम वेतन को कम करने के आदेश वापस ले लिये थे। डीटीसी ने ठेका कर्मचारियों से जल्द से जल्द अपने काम पर लौटने की अपील की है।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा), 1974 लगा दिया था। जानकारी के मुताबिक दावा ये भी है कि बीते कई दिनों से चल रही डीटीसी कर्मचारियों की ये हड़ताल आज सबसे विराट रूप लेने जा रही है। बता दें कि डीटीसी के ठेका कर्मचारी डीटीसी संविदा श्रमिक संघ के बैनर तले 22 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं।
डीटीसी कर्मचारियों कि मांग है कि सभी अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित किया जाए व समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए।उनकी मांगों में उस भत्ते को भी बहाल करना शामिल है जिसे एक अदालत के आदेश के बाद डीटीसी ने कम कर दिया था। कर्मचारियों के कानूनी अधिकारों का डीटीसी प्रबंधन और दिल्ली सरकार द्वारा लगातार हनन किया जा रहा है।
कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करते हुए और दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय का गलत तरीके से हवाला देते हुए डीटीसी प्रबंधन ने पिछले 21 अगस्त को वेतन कटौती का सर्कुलर जारी किया था।