प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में शुक्रवार को यहां एक अदालत में पांच लोगों और सात कंपनियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। इस घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। हालांकि ईडी ने इस मामले में आरोपी के रूप में सिसोदिया का नाम नहीं लिया और अदालत से कहा कि मामले में आगे जांच की जा रही है। यह रिपोर्ट विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल के समक्ष दायर की गई जो शनिवार को इस पर विचार करेंगे।
अनियमितताओं का आरोप लगने के बाद 2021-22 की नीति को रद्द कर दिया गया था। आरोपपत्र में नामजद आरोपियों में विजय नायर, शरत रेड्डी, बिनय बाबू, अभिषेक बोनपल्ली और अमित अरोड़ा शामिल हैं। इस मामले में ईडी द्वारा दायर की गई यह दूसरी अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) है, जो धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है। पहला आरोपपत्र पिछले साल नवंबर में दायर किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि मामले में अब तक गिरफ्तार लोगों सहित कुल 12 को इस आरोपपत्र में नामजद किया गया है। धनशोधन का यह मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी पर आधारित है जिसमें सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज करने के बाद उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों के परिसरों पर छापेमारी की थी।