अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा केंद्र अनुशंसित बढ़ोतरी की सीमा को मंगलवार को मंजूरी देने के बाद दिल्ली के विधायकों को अब प्रति माह 90,000 रुपये वेतन और भत्ते के रूप में मिलेंगे। सरकार ने एक बयान में बताया कि इससे पहले, प्रत्येक विधायक को 53,000 रुपये मिल रहे थे जिसमें 12,000 रुपये वेतन और शेष राशि भत्ते के रूप में शामिल थे।
इस बढ़ोत्तरी के साथ प्रत्येक विधायक को 30,000 रुपये तनख्वाह और 60,000 रुपये भत्ते के तौर पर मिलेंगे। बयान में दावा किया गया कि वृद्धि के बावजूद, दिल्ली के विधायक देश में सबसे कम वेतन पाने विधायक रहेंगे। इसमें बताया गया कि दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह पिछले 10 वर्षों में नहीं बढ़ी थी और केजरीवाल सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उनका वेतन एवं भत्ते अन्य राज्यों के विधायकों के बराबर बढ़ाने का अनुरोध किया था।
नए सैलरी स्ट्रक्चर-
- बेसिक वेतन- 30,000
- चुनाव क्षेत्र भत्ता- 25,000
- सचिवालय भत्ता- 15,000
- वाहन भत्ता- 10,000
- टेलीफोन- 10,000
- कुल सैलरी- ₹90,000
इस फैसले पर दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि दिल्ली अभी भी उन राज्यों में से एक है, जो अपने विधायकों को सबसे कम वेतन और भत्ता देता है। कई भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा शासित राज्य अपने विधायकों को बहुत अधिक वेतन प्रदान करते हैं, जबकि दिल्ली में रहने का खर्च भारत के अधिकांश हिस्सों की तुलना में बहुत अधिक है।