नई दिल्ली : दिल्ली में रहने वाले लोगों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक और सौगात दी। अब लोग घर बैठे 100 सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को 30 और सरकारी सेवाओं को डोर स्टेप डिलीवरी योजना में शामिल कर लिया है। इससे पहले सरकार ने 70 सेवाओं को डोर स्टेप डिलीवरी योजना में शामिल किया था।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली दुनिया में ऐसी पहली सरकार है जो लोगों को सरकारी सुविधा उसके घर जाकर दे रही है। अब इसमें विस्तार से लोगों को और राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि करीब सवा साल पहले दिल्ली सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी सर्विसेज का एक यूनिक प्रयोग करते हुए एक नंबर 1076 दिया था। जिस पर फोन करने पर दिल्ली सरकार से एक व्यक्ति आपके घर आएगा।
आप को अपने स्व प्रमाणित डॉक्यूमेंट की कॉपी देनी होगी और सर्टिफिकेट घर पर पहुंच जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेन्ट, दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन, लेबर डिपार्टमेन्ट, वुमन एंड चाइल्ड डिपार्टमेन्ट, दिल्ली फार्मेसी काउंसिल और ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेन्ट को भी डोर स्टेप डिलीवरी योजना में शामिल कर लिया गया है। इन विभागों की 30 सेवाएं शामिल की गई हैं। अब कुल 14 विभागों की 100 सेवाओं का लाभ इस योजना के तहत लिया जा सकता है।
योजना के अब तक के प्रदर्शन पर एक नजर… सीएम ने बताया कि योजना के तहत अब तक (12 दिसंबर तक) कुल 16,31,772 फोन काल्स आए। इसमें काफी फोन पूछताछ के लिए आए हैं। काम कराने के लिए 2,89,762 फोन कॉल्स आए। इसमें से 10,892 आवेदनों के डॉक्यूमेंट अधूरे पाये गए थे। शेष बचे 2,78,870 आवेदन में से 2,64,927 आवेदनों का निस्तारण किया जा चुका है।
डोर स्टेप डिलीवरी में सफलता का प्रतिशत 91
सीएम ने कहा कि दिल्ली में तीन तरह से काम करा सकते हैं। पहला सरकारी दफ्तर में जाकर, दूसरा ऑनलाइन व तीसरा डोर स्टेप डिलीवरी के जरिये से। अब तक खिड़की पर जाकर काम करने का सक्सेस रेट 57 और 43 प्रतिशत लोगों के आवेदन किसी न किसी वजह से रिजेक्ट कर दिये।
ऑनलाइन में 45 प्रतिशत काम होता है व 55 प्रतिशत लोगों के कम रिजेक्ट कर दिये गए हैं। डोर स्टेप में 91 प्रतिशत लोगों के काम हुए हैं। सिर्फ 9 प्रतिशत लोगों के काम को ही रिजेक्ट किया गया है।
इस तरह दिया जा रहा है लाभ
अब किसी नागरिक को सरकारी कार्यालय में आने व लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। डोर स्टेप योजना ने मध्यस्थ व दलालों की भूमिका को बहुत कम कर दिया।