राष्ट्रीय राजधानी में शराब प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली सरकार ने अपनी नयी आबकारी नीति के तहत ड्राई-डे की संख्या घटाकर 3 कर दी है, जो पहले 21 हुआ करती थी। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के इस फैसले से जाम झलकाने वालों के चेहरे खिल उठे हैं। दिल्ली आबकारी नियम 2010 (52) के प्रावधानों के तहत यह आदेश जारी किया गया है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस ने इस फैसले की तीखी आलोचना की है।
3 ड्राई-डे के अलावा किसी भी दिन Dry Day घोषित कर सकती है सरकार
दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त शराब और अफीम की दुकानें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती 2 अक्टूबर को बंद रहेंगी। हालांकि आदेश में साफ़ कहा है कि सरकार इन तीन ड्राई-डे के अलावा साल में किसी भी दिन को समय-समय पर ‘ड्राई-डे ‘ घोषित कर सकती है।
विभाग ने कहा कि दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 52 के प्रावधानों के अनुसरण में, यह आदेश दिया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र दिल्ली में वर्ष 2022 के दौरान आबकारी विभाग के सभी लाइसेंसधारियों और ओपियम की दुकानों द्वारा निम्नलिखित तिथियों को ‘ड्राई डे’ मनाया जाएगा।
आदेश में कहा गया है कि ‘ड्राई डे’ में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध एल-15 लाइसेंस वाले होटलों में लागू नहीं होगा। इससे पहले, महान नेताओं की जयंती और धार्मिक त्योहारों सहित, ‘ड्राई डे’ की संख्या 21 थी। दिल्ली सरकार ने बीते साल नवंबर में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी। जो 17 नवंबर से लागू हो है।
नई आबकारी नीति के खिलाफ BJP-कांग्रेस
दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति का पहले से ही विरोध कर रही बीजेपी का आरोप है कि इससे रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खोलने को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल सरकार लोगों, खासकर युवाओं में शराब को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने एक बयान में कहा कि बीजेपी इस कदम का कड़ा विरोध करेगी और केजरीवाल सरकार को अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर करेगी।
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मुदित अग्रवाल ने भी इस कदम की आलोचना की तथा कहा कि शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और शराब की बिक्री को प्रोत्साहित करके सरकार अधिक राजस्व अर्जित करना चाहती है।