सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के फैसले पर लगी रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मंगलवार को हुई इस सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से अपनी याचिका को हाई कोर्ट ले जाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के अचानक तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार की याचिका का संज्ञान लेते हुए कहा कि हाई कोर्ट में इस याचिका पर 27 नवंबर की बजाय गुरुवार को सुनवाई की जाए।
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हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 22 सितंबर को दिल्ली सरकार के 12 सितम्बर के आदेश पर रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार ने राजधानी के 33 बड़े निजी अस्पतालों में आईसीयू के 80 प्रतिशत बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित रखने का आदेश दिया था।
एकल पीठ ने कहा था कि निजी अस्पतालों को आईसीयू के 80 प्रतिशत बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित रखने का आदेश अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। सरकार ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दे रखी है जहां यह मामला 27 नवंबर के लिए सूचीबद्ध था।