दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय का उद्देश्य हर छात्र को रोजगार दिलाना अथवा अपना व्यवसाय शुरू करने योग्य बनाना है। केजरीवाल ने दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय की सोमवार को हुई पहली बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मोहल्ला क्लीनिक और डोर-स्टेप डिलीवरी की तरह यह दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय भी कौशल शिक्षा का एक वैश्विक मॉडल बनेगा। दिल्ली निवासियों के लिए आज एक बहुत अच्छी और बड़ खुशखबरी है। हमारा सपना था कि हर युवक को रोजगार मिले। देश में बहुत बेरोजगारी है। एक वो युवा हैं, जिनको पढ़ई-लिखाई नसीब नहीं होती है। दूसरे वो युवा हैं, जो पढ़-लिखकर भी बेरोजगार हैं। हमारी शिक्षा प्रणाली ऐसी है, जो बच्चों को रोजगार के लिए तैयार नहीं करती।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा ने बच्चों को नौकरी देने के लिए स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी विधेयक पारित किया था। इस यूनिवर्सिटी में बच्चों को नौकरी लायक कौशल (स्किल) देकर ऐसा प्रशिक्षण देंगें ताकि उन्हें विश्वविद्यालय से बाहर निकलते ही तुरंत नौकरी मिल सके। इसी तरह, जो बच्चे बिजनेस करना चाहते हैं, उन बच्चों को बिजनेस करने के लिए तैयार करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय शुरू करने का हमारा सपना था। हमने आज उस सपने को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है। आईआईएम की प्रोफेसर रहीं नेहारिका वोहरा विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर बनाई गई हैं। विश्वविद्यालय का पहला अकादमिक सत्र अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में काफी उद्योग बंद हो गए, दुकानें और ऑफिस बंद हो गए और लोगों की नौकरियां चली गई। लॉकडाउन खुला तो एक तरफ बहुत सारे लोग कहते थे कि उनके पास नौकरी नहीं है। दूसरी तरफ बहुत सारे बिजनेसमैन कहते थे कि हमें नौकरी करने वाले नहीं मिल रहे हैं। इसका मतलब कि नौकरी देने वाले भी हैं और नौकरी लेने वाले भी हैं, लेकिन दोनों आपस में मिल नहीं पा रहे हैं। इसलिए हमने जॉब पोर्टल शुरू किया और दोनों को मिलवा दिया और दिल्ली के अंदर जॉब पोर्टल के जरिए लाखों लोगों को नौकरियां मिलीं। यहां भी यही है। हमारे बहुत सारे युवा ऐसे जिनको नौकरी नहीं मिलती है, घर बैठे हैं और दूसरी तरफ, इंडस्टी वालों से बात करो तो वो कहते हैं कि हमें स्किल्ड लेबर नहीं मिल रही है, प्रशिक्षित कर्मचारियों का अकाल पड़ हुआ है। अगर हम अपने बच्चों को ट्रेनिंग दे दें, हम अपने बच्चों को कौशल (स्किल) दे दें, तो यह इंडस्ट्री वाले उन्हें नौकरी दे सकते हैं।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मौके पर कहा कि दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय में गुणवत्ता और मात्रात्मक शिक्षा पर जोर होगा। इसमें पारंपरिक कौशल से लेकर भविष्य तक के कौशल प्रशिक्षण के प्रकार के उच्च गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम होंगे। साथ ही, मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए मांग के अनुरूप पर्याप्त संख्या में सीटें होंगी।