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दिल्ली सरकार के मंत्री व स्वाति मालीवाल ने किया आश्रय गृह का औचक निरीक्षण, पाई गई कई खामियां

दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल एक आश्रय गृह का अचानक से निरीक्षण करने पहुंच गए।

दिल्ली में कोरोना महामारी का कहर फिलहाल नियंत्रण में बना हुआ है, ऐसे में दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल एक आश्रय गृह का अचानक से निरीक्षण करने पहुंच गए। दिल्ली के कमला नगर में मौजूद आश्रय गृह मंत्री के साथ कई आला अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान कई तरह की बड़ी समस्याएं पाई गई। 
डीसीडब्ल्यू के मुताबिक इस दौरान पाया गया की शेल्टर होम में क्षमता से अधिक संख्या में बच्चियां रह रही हैं। वर्तमान में शेल्टर होम के अंदर 78 लड़कियां रह रही हैं। शेल्टर के कमरे बेहद छोटे थे और कमरों ने वेंटिलेशन की कोई सुविधा नहीं थी, शेल्टर होम चारों तरफ से बंद है और पहली नजर में ये होम किसी जेल जैसा प्रतीत होता है।
कोरोना के दौर में सामाजिक दूरी और मास्क बेहद जरूरी हैं ऐसे में आयोग ने पाया की अधिकतर बच्चों ने मास्क तक नहीं पहने थे। छोटे छोटे कमरों में रह रहे बच्चों के लिए सामाजिक दूरी रखना भी लगभग असंभव है। शेल्टर की सुपरिटेंडेंट ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इस शेल्टर में रह रहे कई बच्चे संक्रमित भी हुए थे एवं कुछ को अस्पताल ले जाने की भी आवश्यकता पड़ी थी।
भीषण गर्मी के समय में भी दिन के व़क्त शेल्टर के कूलर नहीं चलाए जाते और बच्चों को गरमी में रहना पड़ता है। बच्चियों के कमरे साफ नहीं थे क्योंकि कमरों की सफाई के लिए कोई अतिरिक्त स्टाफ नहीं था और बच्चों को खुद ही अपना कमरा साफ करना पड़ता है। मंत्री राजेंद्र गौतम और स्वाति ने शेल्टर होम में बन रहे खाने को चखा, हालांकि उन्हें भोजन ठीक लगा वहीं किचन में पृरुष कुक पाए गए।
बच्चियों की सुरक्षा के मद्देनजर मंत्री ने शेल्टर होम को तुरन्त महिला कुक रखने के निर्देश दिए। कोरोना के कारण बच्चों की पढ़ाई अब ऑनलाइन हो गई है लेकिन इस शेल्टर में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पर्याप्त मोबाइल और कंप्यूटर उपलब्ध नहीं है।
मंत्री राजेंद्र पाल गौतम शेल्टर होम की हालत देखकर बेहद चिंतित हुए और उन्होंने अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं की शेल्टर में बच्चों को साफ सुथरा और अच्छा पर्यावरण मिले एवं बच्चों की पढ़ाई और मनोरंजन को लेकर भी कदम उठाए जाएं। वहीं मंत्री गौतम ने अधिकारियों को एक्शन टेकन रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, सीएम केजरीवाल मानते हैं की सरकारें जनता के बीच जमीन पर रहकर चलाई जाती हैं बड़े दफ्तरों से नहीं, हमने दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल के साथ मिलकर कमला नगर के एक शेल्टर होम का निरीक्षण करने का फैसला किया. जब हम शेल्टर होम में पहुंचे तो हमने पाया की शेल्टर किसी जेल जैसा प्रतीत होता है।
बच्चों के मनोरंजन और शिक्षा के लिए भी सुविधाओं का अभाव है। केजरीवाल सरकार हर बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा और विकास सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है, मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं की किसी भी बच्चे का भविष्य सुविधाओं के अभाव की वजह से खराब नहीं होना चाहिए।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा, शेल्टर होम में रहने वाले बच्चों को खास प्यार और स्नेह की आवश्यकता है। हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं की हर बच्चे का सही तरह से पुनर्वास हो सके। शेल्टर होम में हमें कई खामियां मिलीं और मंत्री जी ने मामले में कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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