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MCD पर दिल्ली सरकार का 8600 करोड़ रुपये बकाया

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एमसीडी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों को देरी से वेतन देने के मुद्दे पर एमसीडी के तीनों मेयर को चिट्ठी लिखी है।

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एमसीडी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों को देरी से वेतन देने के मुद्दे पर एमसीडी के तीनों मेयर को चिट्ठी लिखी है। तीनों मेयरों ने पहले सीएम आवास के सामने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें दावा किया गया कि दिल्ली सरकार की तरफ से एमसीडी को बड़ी मात्रा में राशि का भुगतान किया जाना है। 
महापौरों की तरफ से किए गए गंभीर दावों पर पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तथ्य पेश करते हुए कहा, पांचवें दिल्ली वित्त आयोग के अनुसार दिल्ली सरकार ने न केवल एमसीडी को बकाया राशि का भुगतान किया है बल्कि एमसीडी के ऊपर दिल्ली सरकार का बड़ा भारी लोन बकाया है। ताजा रिकॉर्ड के आधार पर एमसीडी के पास दिल्ली सरकार का 6008 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। जबकि दिल्ली जल बोर्ड का एमसीडी के ऊपर 2596 करोड़ रुपये बकाया भी है। इसलिए एमसीडी को दिल्ली सरकार को 8600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना है। 
उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने तीनों मेयरों से आग्रह किया कि वे राजनीति से ऊपर उठें और तीनों एमसीडी में भ्रष्टाचार और वित्तीय कुप्रबंधन के वास्तविक मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने मेयरों से आग्रह किया कि एमसीडी केंद्र सरकार से बकाया 12,000 करोड़ रुपये की मांग करे, जो की दिल्ली के लोगों अधिकार है। 
महापौरों को पत्र लिखते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, दिल्ली के तीनों महापौरों (एनडीएमसी, ईडीएमसी, एसडीएमसी) के रूप में एमसीडी अस्पतालों के डॉक्टरों, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के वेतन में देरी किए जाने संबंधी आपके कार्यों से हुई बहुत पीड़ा और निराशा के साथ यह पत्र लिख रहा हूं। आपके कार्यों से स्पष्ट है कि एमसीडी के उपलब्ध प्रशासनिक विकल्पों का उपयोग करके मामले का व्यवहारिक समाधान खोजने के बजाय आप केवल झूठ बोलने और इस मुद्दे पर राजनीति करने में रुचि रखते हैं।
 इसके जरिए आपने हजारों स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों को दर्द पहुंचाया और जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हो गया था उस समय में राष्ट्रीय राजधानी की प्रतिष्ठा को कम किया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक पिछले कई वर्षो में, न केवल दिल्ली सरकार ने एमसीडी को टैक्स के अपने उचित हिस्से का भुगतान किया है, बल्कि ऋण के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान भी किया है। 
1 अप्रैल 2020 तक, शहरी विकास विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, तीनों एमसीडी पर कुल 6,008 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। इसमें ईडीएमसी पर 1977 करोड़ रुपये, एनडीएमसी पर 3243 करोड़ रुपये और एसडीएमसी पर 788 करोड़ रुपये बकाया हैं। 

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