नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 1984 महिपालपुर सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले नरेश सहरावत की याचिका पर दिल्ली सरकार और एसआईटी टीम से जवाब तलब किया है। याचिका पर अगली सुनवाई 1 मई को होगी। नरेश ने याचिका में 90 फीसदी लीवर खराब होने की दलील देते हुए सजा पर अंतरिम रोक का आग्रह किया है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल व जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने नरेश की याचिका पर तिहाड़ जेल से उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है और याचिका के साथ पेश किए गए उपचार संबंधी दस्तावेजों की जांच करने लिए एसआईटी व दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया है। बता दें कि निचली अदालत के एक नवंबर 1984 को महिपालपुर इलाके में दंगा भड़ाने, आगजनी तथा हरदेव सिंह व अवतार सिंह की हत्या के मामले में यशपाल व नरेश को दोषी ठहराया था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 31 अक्तूबर 1984 को देश भर में दंगे भड़क गए थे जिनमें हजारों लोगों की जान गई थी।
दिल्ली पुलिस को दंगों में मारे गए हरदेव सिंह के भाई संतोष सिंह ने शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने केस की जांच 1994 में बंद कर दी थी। केंद्र सरकार ने 2015 में सिख दंगों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। जो 60 मामलों की जांच कर रही है, उनमें से यह पहला मामला था जिसमें फांसी और उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इनमें से 52 मामलों में एसआईटी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है।