दिल्ली सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और झुग्गीवासियों के लिए 2025 तक 89,400 फ्लैटों का निर्माण कराएगी। एक बयान में इस बारे में बताया गया।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शिरकत की।
केजरीवाल ने बैठक में कहा, ‘‘हमें दिल्ली में हर गरीब को आश्रय मुहैया कराना है और इस समयसीमा में परियोजना पूरी हो जानी चाहिए।’’
बयान में कहा गया कि तीन चरणों में 89,400 फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में 41,400 इसके बाद दूसरे चरण में 18,000 और तीसरे चरण में 30,000 फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा।
बयान में कहा गया कि सरकार वास्तुकार परामर्शदाता की नियुक्ति समेत विस्तृत पुनर्वास और निर्माण योजना तैयार कर रही है ।
बैठक में शहरी विकास मंत्री और डीयूएसआईबी के उपाध्यक्ष सत्येंद्र जैन, प्रधान सचिव (शहरी विकास) रेणु शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जहां झुग्गी वहां मकान नीति दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी नीति है। हमें यह सुनिश्चित करना है लोगों के पुनर्वास के लिए ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) फ्लैटों का निर्माण समय पर पूरा हो जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करना होगा कि दिल्ली में हरेक गरीब को आश्रय मिले।’’
डीयूएसआईबी के सदस्य बिपिन राय ने बताया कि डीयूएसआईबी के पास 221 एकड़ जमीन उपलब्ध है जिसमें से 115 एकड़ जमीन पर ईडब्ल्यूएस मकानों के निर्माण का विचार किया जा रहा है । उन खाली स्थानों पर भी निर्माण परियोजना चलायी जाएगी जहां से लोग चले गए हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो महीने में वास्तुकार परामर्शदाता की नियुक्ति की जाएगी।
राय ने कहा कि बहुमंजिला मकान होंगे और प्रत्येक 8,000 मकानों के लिए पांच अलग-अलग निविदा आमंत्रित की जाएंगी। पहले चरण के तहत मकानों के निर्माण के लिए 24 महीने का समय होगा तथा 41,400 फ्लैटों पर 3,312 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एक फ्लैट पर आठ लाख रुपये की लागत आएगी।