दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर दिल्ली नगर निगम (उत्तर एमसीडी) को सोमवार को निर्देश दिया कि कर्मचारियों के वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन का भुगतान नहीं किये जाने के मुद्दे की पड़ताल करने के लिये वह अपनी संपत्तियों की सूची और बैंकों में जमा राशि के बारे में बताए। अदालत ने कहा कि बकाया प्राप्त करना मौलिक अधिकार है।
उच्च न्यायालय ने चेतावनी दी कि अब वह नगर निकाय की संपत्तियों को कुर्क करना शुरू कर देगा क्योंकि कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारी वेतन और पेंशन के लिए निरंतर इंतजार नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने उत्तर एमसीडी के आयुक्त को संपत्ति और बैंकों में जमा राशि की जानकारी देते हुए चार जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए आठ जुलाई को सूचीबद्ध कर दिया।
पीठ ने कहा, “हम पहले ही कह चुके हैं कि वेतन और पेंशन प्राप्त करने का हक एक मौलिक अधिकार है और हमने निगमों को अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अब हम आपकी संपत्तियां कुर्क कर लेंगे।” अदालत ने कहा कि या तो निगम अपने कुछ कर्मचारियों की छंटनी करे या अपने राजस्व में वृद्धि करे लेकिन उसे अपने कर्मचारियों को समय पर भुगतान करना होगा।
वेतन देने में देरी को उत्तर एमसीडी की चिरस्थायी समस्या बताते हुए अदालत ने कहा, “हमें अपनी सभी संपत्तियों और बैंक खातों की सूची दें। अब हम इसे कर्क करना शुरू करेंगे और पैसा वसूल करेंगे। हम इंतजार नहीं कर सकते। या तो आप उनकी छंटनी करें, उन्हें घर भेजें, भारी कटौती करें, कुछ भार कम करें, हम नहीं जानते।”
उत्तर एमसीडी के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि शिक्षकों और पेंशन भोगियों को छोड़कर अन्य सभी कर्मचारियों को इस साल अप्रैल तक की तनख्वाह का भुगतान कर दिया गया है।
अदालत ने पूछा कि बकाया राशि के भुगतान के लिए कितने पैसों की जरूरत है तो उत्तर एमसीडी का प्रतिनिधित्व कर रहे दिव्य प्रकाश पांडे ने कहा कि 300 करोड़ रुपये मिलने पर मौजूदा बकाये का भुगतान हो जाएगा और कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को आज की तारीख तक का भुगतान कर दिया जाएगा।अदालत को सूचित किया गया कि दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों ने आज की तारीख तक सभी कर्मियों की तनख्वाह और पेंशन का भुगतान कर दिया है।
उत्तर एमसीडी के वकील ने कहा कि उन्होंने तीनों निगमों के वित्त मामलों का विलय करने के लिए उपराज्यपाल को एक अभ्यावेदन दिया है, इससे उत्तर एमसीडी को कोष की कमी से निपटने में मदद मिल सकती है।