नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने फेसबुक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि योग गुरू रामदेव के खिलाफ आरोपों वाले एक वीडियो का लिंक उसके प्लेटफॉर्म से हटाया जाए। अदालत ने कहा कि गूगल और यूट्यूब ने अपने प्लेटफॉर्म से वीडियो हटाकर सही कदम उठाया है। वीडियो देखने के बाद, अदालत ने कहा कि इसमें एक व्यक्ति रामदेव और पतंजलि के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हुए और उन्हें धमकियां देते हुए दिख रहा है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा, ‘‘वीडियो गूगल और यूट्यूब द्वारा अपने लिए तय दिशा-निर्देशों का साफतौर पर उल्लंघन करता है। इस वीडियो में न केवल याचिकाकर्ताओं (पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और रामदेव) के लिए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया गया है बल्कि इसमें धमकी भी दी गई है जो कानून का उल्लंघन है।’’ अदालत ने कहा, ‘‘फेसबुक कंपनी को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि इस वीडियो का लिंक उसके प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं रहे।’’
अदालत ने कहा कि अगर इसी वीडियो को अपलोड करने की कोई अन्य घटना याचिकाकर्ताओं की जानकारी में आती है तो उन्हें प्लेटफॉर्म को जानकारी देने की अनुमति दी जाती है और प्लेटफॉर्म 48 घंटे में इस वीडियो को हटाएं। अदालत रामदेव द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति द्वारा अपलोड वीडियो का पता चला जिसमें उनके तथा पतंजलि के खिलाफ मानहानिपूर्ण, अपमानजनक और धमकी भरे कई बयान दिये गये।