दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी एकल पीठ के एक आदेश पर मंगलवार को रोक लगा दी जिसमें मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत मिलने वाले बीमा लाभ का विस्तार दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहने वाले सभी वकीलों के लिए किया जाए।
मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने इस मामले में दिल्ली सरकार की याचिका पर दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) और पांच अधिवक्ताओं बलविंदर सिंह बग्गा, मनीष सरोहा, विवेक जैन, शिवम चानना और वैभव कालरा को नोटिस जारी किए। पीठ ने इन सभी को एकल पीठ के 12 जुलाई के आदेश के खिलाफ दायर याचिका का जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 अक्टूबर की तारीख तय की है। एकल पीठ के निर्देश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया कि उसे राष्ट्रीय राजधानी सीमा, दिल्ली (एनसीटी, दिल्ली शहर) के वकीलों के लिए इस नीति को लागू करने में कोई आपत्ति नहीं है।
इससे जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने 12 जुलाई को अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली बार एसोसिएशन के साथ पंजीकृत लेकहन एनसीआर में रहने वाले वकीलों को इस योजना (बीमा लाभ) से बाहर रखना भेदभाव पूर्ण और मनमाना है।
बार एसोसिएशन एनसीआर में रहने वाले अपने सदस्यों को बीमा योजना में शामिल करने के पक्ष में है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सत्यकाम ने 12 जुलाई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस संबंध में एक अवमानना की याचिका दायर की गई है।