केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मई 2002 में तिहाड़ जेल में एक विचाराधीन कैदी की मौत के संबंध में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश पर हुई है, जिसने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया था। इस मामले की जांच पहले दिल्ली पुलिस कर रही थी। तिहाड़ जेल के जेल नंबर 2 के वार्ड नंबर 2 के बैरक नंबर 4 में विचाराधीन कैदी श्रीकांत राम स्वामी 14 मई 2002 को मृत पाया गया था।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ”आरोप लगाया गया था कि पीड़ित को जेल के कैदियों ने पीटा और सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में, दिल्ली पुलिस ने विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी और जांच जारी है।” हाई कोर्ट ने स्वामी की मां मलिका की याचिका पर जांच सीबीआई को सौंपी थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनके बेटे के शव पर धारदार वस्तु से किये गए वार के कई घाव थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि शव की तस्वीरों और वीडियो में उसकी जांघों और हाथों पर गहरे घाव पाए गए थे, जो कि क्रिकेट के बल्ले से किये गए हमले के नहीं हो सकते, जैसा कि आरोप लगाया गया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि इस तरह के घाव कोई नुकीली चीज से मारे जाने से हुए होंगे। अदालत के समक्ष अपनी याचिका में, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी और स्वामी की बहन के पास मृत्यु से एक दिन पहले स्वामी का फोन आया था, तो उसने कहा था कि जेल अधिकारी उसकी हत्या कर देंगे।