दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के प्रेम नगर में सरकारी स्कूल के निर्माण के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण को भूमि की मंजूरी देने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने दिल्ली सरकार और संबधित अन्य प्राधिकारों से इस मामले में एक दूसरे को सहयोग करने के लिए भी कहा है।
पीठ ने कहा कि अदालत दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को किराड़ी के प्रेमनगर-3 इलाके में अथवा इसके आस पास कानून, प्रावधान, नियमों और सरकार की नीतियों के अनुसार स्कूल निर्माण के लिए भूमि की मंजूरी देने पर विचार करने का आदेश देती है।
अदालत ने यह भी कहा कि शिक्षा निदेशालय को नये स्कूल इमारत के लिए भूमि की मंजूरी के लिए एक दूसरे को सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है। दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पहले इस क्षेत्र का दौरा किया था और क्षेत्र में एक स्कूल की स्थापना की व्यवहार्यता पर चर्चा की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आप सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण को प्रेम नगर के आस पास खाली जमीन की पहचान करने तथा शिक्षा निदेशालय को आवंटित करने का आदेश देने की मांग की गयी थी। इस याचिका को गैर सरकारी संगठन ‘हमारा प्रयास समाजिक उत्थान’ ने दायर किया है ।