दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह कजाकिस्तान के अल्माटी हवाईअड्डे पर फंसे करीब 300 छात्रों की सुरक्षा सुनिश्ति करें। ये छात्र पिछले दो-तीन दिन से बिना भोजन और चिकित्सीय सहायता के फंसे हैं।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए अधिकारियों से जल्द से जल्द छात्रों को बुनियादी सुविधाएं और भोजन, चिकित्सीय देखभाल, ठहरने और परिवहन के संबंध में मानवीय सहायता उपलब्ध कराने को कहा।
यह सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए हुई। दो न्यायाधीश अपने घर से ऑनलाइन थे जबकि वकील फोजिया रहमना और केंद्र सरकार के स्थायी वकील जसमीत सिंह अपने कार्यालय से मौजूद थे। सिंह विदेश मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
रहमान ने वकील को बताया कि 300 भारतीय छात्र अल्माटी हवाई अड्डे पर बिना भोजन, पानी, संपर्क और चिकित्सीय सहायता के फंसे हैं। ये छात्र एमबीबीएस और अन्य उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए यहां गए हुए थे।
यह याचिका सेहल सायरा ने दायर की है। वह हवाईअड्डे पर फंसे छात्रों में से एक की मां हैं।
पीठ ने इस पर विदेश मंत्रालय के जरिए केंद्र को नोटिस जारी किया है और याचिका पर 28 मार्च तक जवाब मांगा है और इस पर उसी दिन सुनवाई होगी।