दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान चेहरे को ढकना ‘सुरक्षा कवच’ की तरह है और निजी वाहन में ड्राइविंग करते हुए अकेले होने के बावजूद भी मास्क पहनना अनिवार्य है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने निजी वाहन में अकेले ड्राइविंग करते हुए मास्क न पहनने पर चालान काटने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया और इसे चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दीं।
अदालत ने कहा कि महामारी के दौरान मास्क ‘सुरक्षा कवच’ की तरह है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को कोविड-19 के 5100 नए मामले आए जो पिछले साल 27 नवंबर के बाद , एक दिन में यहां सामने आए सर्वाधिक मामले हैं। पिछले साल 27 नवंबर को शहर में 5,482 मामले सामने आये थे। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मंगलवार को इस संक्रमण से 17 और मरीजों की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या 11,113 हो गयी।
पिछले कुछ हफ्ते में कोरोना वायरस के मामलों में तेज वृद्धि के बीच संक्रमण दर 4.93 प्रतिशत है। वहीं दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से सात घंटे का रात्रि कर्फ्यू लगा दिया। हालांकि कुछ व्यवसायों से जुड़े लोगों को इसमें छूट दी गयी है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली में कोविड-19 के हालात की समीक्षा की जिसके बाद यह फैसला लिया गया। डीडीएमए का रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक के रात्रि कर्फ्यू का आदेश 30 अप्रैल तक प्रभाव में रहेगा।