दिल्ली हाई कोर्ट में आज व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा कि अगर आपकी निजता प्रभावित हो रही है, तो आप व्हाट्सऐप डिलीट कर दें। वहीं नई पॉलिसी को लेकर व्हाट्सऐप और फेसबुक को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकार्ता ने कोर्ट से कहा कि यूरोप और अमेरिका में, व्हाट्सऐप की पॉलिसी को स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प देता है। लेकिन यहां भारत में ऐसा कोई विकल्प नहीं दिया गया है। इसपर कोर्ट ने कहा कि आपके पास एक विकल्प है। ऐप का इस्तमाल नहीं करें।
व्हाट्सऐप की प्राइवेसी नीति को लागू करने के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि ये संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार के खिलाफ है। इसलिए हम इस मामले में चाहते हैं कि कड़ा कानून बने। यूरोपीय देशों में इसको लेकर कड़े कानून हैं, इसलिए व्हाट्सऐप की पॉलिसी वहां पर अलग है और भारत में कानून सख्त ना होने के कारण आम लोगों के डाटा को थर्ड पार्टी को शेयर करने पर ऐसे एप को कोई दिक्कत नहीं है।
सुनवाई के दौरान व्हाट्सऐप का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि मैं यह सबमिट कर रहा हूं कि ऐप का उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। याचिकाकर्ता को आश्वस्त किया जाए कि दोस्तों, रिश्तेदारों, आदि के बीच सभी चैट एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित होंगे। कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत पर ध्यान देते हुए अगली सुनवाई के 25 जनवरी की तारीख तय की है।