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दिल्ली HC ने आप सरकार, डीडीए और तीनों नगर निगम से अवमानना याचिका पर मांगा जवाब

भार्गव ने अपनी याचिका में दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी को किसी भी भीषण भूकम्प के लिए तैयार करने के अदालत के पूर्व आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और तीनों नगर निगम से उस अवमानना याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में इमारतों की भूकम्पीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक आदेशों का अनुपालन नहीं करने के सिलसिले में उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने मंगलवार को वकील अर्पित भार्गव की याचिका पर उन्हें और नयी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किए। भार्गव ने अपनी याचिका में दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी को किसी भी भीषण भूकम्प के लिए तैयार करने के अदालत के पूर्व आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
अदालत का पूर्व आदेश 2015 में दायर भार्गव की याचिका पर ही आया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली में इमारतों की भूकम्पीय स्थिरता बेहद खराब है और भीषण भूकम्प आने पर बड़ी संख्या में लोग हताहत हो सकते हैं। याचिका अब भी उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है, जिसने समय-समय पर दिल्ली सरकार और नागरिक अधिकारियों को एक कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग करते हुए, भार्गव ने कहा कि ‘‘पांच साल की अवधि में उच्च न्यायालय के गंभीर हस्तक्षेप के बावजूद’’, अधिकारियों ने ‘‘बड़े सार्वजनिक हित के लिए थोड़ी भी चिंता नहीं दिखाई’’ और कई कार्य योजना बनाने और उसे लागू करने के लिए ‘‘एक कदम तक नहीं उठाया।’’ उन्होंने दलील दी कि अदालत से पारित ‘‘ विभिन्न आदेशों का जानबूझकर उल्लंघन किया गया और उनका पालन नहीं किया गया’’।

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