दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 दिसंबर 2019 को सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई में घायल हुए जामिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र की मुआवजा याचिका पर गुरुवार को पुलिस, केंद्र और दिल्ली की आप सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 20 मई को करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया तथा याचिका पर उनसे जवाब मांगा। याचिका में पुलिस द्वारा किए गए कथित अपराध को लेकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने का भी आग्रह किया गया है।
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याचिका में मोहम्मद मुस्तफा ने खुद को हुए शारीरिक और मानसिक नुकसान को लेकर एक करोड़ रुपये का मुआवजा की मांग की है। छात्र ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि चिकित्सा उपचार पर पहले ही खर्च हो चुके उसके पैसे का भी भुगतान किया जाना चाहिए।
गत 17 फरवरी को इसी तरह की एक और याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई थी जिसपर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा था। यह याचिका शयान मुजीब ने दायर की थी। इससे पूर्व, छात्र मिन्हाजुद्दीन ने भी इस तरह की याचिका दायर कर घटना की जांच तथा अपने को पहुंची चोटों के लिए मुआवजे की मांग की थी।