दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर जारी 3 नगर निगमों के महापौरों के धरने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस के रुख पर कड़ी नारजगी जताई है। हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के तहत विरोध-प्रदर्शन का अधिकार दिया गया है, लेकिन यह गलत मिसाल पेश नहीं की जानी चाहिए कि कोई भी आवासीय क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शन कर सकता है।
दरअसल, बीते कई दिनों से राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर भाजपा नेताओं का धरना-प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के तीनों महापौर और भारतीय जनता पार्टी के निगम पार्षद सीएम आवास के बाहर धरना देकर दिल्ली सरकार से 13,000 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली के तीनों मेयर अब से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी शासित नगर निगमों पर हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। ‘आप’ का कहना है कि बीजेपी अपना भ्रष्टाचार छुपाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है, लेकिन वह दिल्लीवालों के सामने उनकी सच्चाई लाकर रहेगी। बता दें कि 2022 में होने वाले नगर निकाय चुनावों से पहले बीजेपी शासित दिल्ली के नगर निगमों में धन की कथित धोखाधड़ी को लेकर सत्तारूढ़ AAP के नेताओं ने हमले तेज कर दिए हैं। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों से इंकार किया है और कहा कि किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।