कोरोना महामारी के कारण सब काम वर्चुअल मोड पर किया जा रहा है सभी क्षेत्र ऑनलाइन डिजिटल मीडिया को प्राथमिकता देकर सोशल डिस्टन्सिंग यानी सामाजिक दूरी का पालन कर रहे है इसी सम्बन्ध में भारत के न्यायालय भी कार्यरत है लेकिन इन ऑनलाइन सुनवाइयों के लिए भी कोर्ट ने दिशा निर्देश तय किये है। आपको बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि वर्चुअल मोड के जरिये होने वाली सुनवाई का लिंक मीडिया या आम लोगों को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा और यह सिर्फ वकीलों और जांच अधिकारियों को दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने इसी साथ यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी वकील इन लिंक को वरिष्ठ वकीलों या उनकी जगह पेश हो रहे वकील के अलावा किसी और से साझा नहीं करेगा।
न्यायाधीश ने अपने एक हाल ही में दिए गए आदेश में कहा कि, “मैं रजिस्ट्री/कोर्ट मास्टर को यह निर्देश देता हूं कि वीडियो कॉन्फ्रेंस का लिंक संबंधित वकीलों, जांच अधिकारी, संबंधित पक्ष या फिर अदालत द्वारा कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए खास तौर पर निर्देशित व्यक्ति को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति या संवाददाता को साझा नहीं किया जाए।”
दरअसल न्यायमूर्ति कैत ने यह निर्देश एक आपराधिक मामले में दिया जब कुछ “अज्ञात लोग” वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई में शामिल हो गए और उन्हें लगातार बातचीत करते हुए भी सुना जा सकता था।
इस आदेश में कहा गया, “मौजूदा मामले की सुनवाई के दौरान इस अदालत के समक्ष बेहद अजीब सी स्थिति बन गई जब कुछ अज्ञात लोग वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई में शामिल हो गए और उन्हें लगातार बात करते हुए सुना जा सकता था, जिससे वकीलों की दलीलें सुनने और न्याय के समुचित वितरण में बाधा आई।”
आपको बता दें कि इससे पहले उच्च न्यायालय ने 20 जून को कोविड-19 महामारी के कारण वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हो रही सुनवाई को आम लोगों को देखने की अनुमति प्रदान की थी और उस समय कार्यवाही में शामिल होने का लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा था। लेकिन अब इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए है. जानकारी के लिए आपको बता दें कि उच्च न्यायालय में 25 मार्च से ही महामारी के कारण मामलों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई हो रही है।