दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वह अपने चुनाव की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कराए। उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह के इन चुनावों को स्थगित करने के एकतऱफा फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी जबकि चुनाव की प्रक्रिया को लगभग शुरू कर दिया गया था।
यूपी मुक्केबाजी संघ का कहना था कि कोरोना का बहाना लेकर चुनावों को स्थगित करने से राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन होता है और सरकार मुक्केबाजी महासंघ की मान्यता समाप्त कर सकती है। खेल मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार हर खेल महासंघ को खेल संहिता का पालन करना है और अपने चुनावों को 31 दिसंबर 2020 तक पूरा कर लेना है। यूपी मुक्केबाजी संघ की ओर से पेश हुए वकील शोहित चौधरी ने कहा कि अदालत ने मौजूदा पदाधिकारियों को तीन से छह महीने का विस्तार देने से इंकार कर दिया है जो कोविड की आशंका बताकर चुनावों को स्थगित कर रहे थे। अदालत का यह भी कहना है कि चुनावों को ई वोटिंग के जरिए भी कराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अदालत ने बीएफआई से कहा है कि वह 10 जनवरी तक चुनाव कार्यक्रम पेश करे। उल्लेखनीय है कि बीएफआई ने 18 दिसंबर को एजीएम बुलाई थी और निर्वाचन अधिकारी भी नियुक्त किया था लेकिन आशीष शेलार के अध्यक्ष पद पर खड़ होने के बाद मौजूदा अध्यक्ष अजय सिंह ने कोरोना का हवाला देते हुए चुनावों को स्थगित करा दिया था।