दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में बिना किसी नोटिस के यूएपीए से जांच के लिए अधिक समय देने के साकेत कोर्ट के 25 अप्रैल 2020 के आदेश को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनाया और कहा कि विस्तृत आदेश कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम की दलील का विरोध करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के 25 अप्रैल के आदेश में कोई कमी नही है।
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शरजील इमाम को दिसंबर 2019 में जामिया में देशद्रोही भाषण देने और दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कई राज्यों की पुलिस के साथ-साथ इस मामले में दिल्ली पुलिस भी जांच कर रही है। शरजील पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज है।
शरजील इमाम को 28 जनवरी को बिहार से गिरफ्तार किया गया था। 90 दिन की वैधानिक अवधि 27 अप्रैल को पूरी हो गयी। अपने आवेदन में उसने दलील दी है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा 25 अप्रैल को इस मामले की जांच की अवधि और 90 दिनों के लिए बढ़ाया जाना कानून सम्मत नहीं है। शरजील इमाम असम पुलिस द्वारा दर्ज किए गए यूएपीए से जुड़े मामले में गुवाहाटी जेल में है।