दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को ड्रग्स और मेडिसिन की ऑनलाइन बिक्री को रेगुलेट करने के लिए आठ सप्ताह के भीतर नीति बनाने का निर्देश दिया। कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने कहा कि यदि तय समय सीमा के भीतर नीति नहीं बनाई गई तो संबंधित संयुक्त सचिव को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित रहना होगा। अदालत ने मामले को 04 मार्च, 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा, "यदि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर नीति आठ सप्ताह के भीतर नहीं बनाई जाती है तो संबंधित संयुक्त सचिव अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित रहेंगे।
मांग वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई
पीठ दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाओं में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मसौदा नियमों और ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स नियमों में और संशोधन करने को भी चुनौती दी गई है। अगस्त में, केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री से संबंधित 28 अगस्त, 2018 को प्रकाशित मसौदा अधिसूचना पर परामर्श और विचार-विमर्श अभी भी जारी है। अंतरिम आदेश में, अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को वैध लाइसेंस के बिना दवाओं की ऑनलाइन बिक्री में शामिल व्यक्तियों के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।