कोरोना वायरस के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को सर गंगा राम अस्पताल को राहत दी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अस्पताल के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कार्रवाई पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। जिसके बाद पुलिस अगले आदेश तक अस्पताल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकती।
मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को की जाएगी। न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ने अस्पताल की याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करते हुए पांच जून को राजिंदर नगर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी सभी जांच और कार्रवाइयों पर रोक लगा दी।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने अस्पताल के खिलाफ कोविड-19 नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर पांच जून को एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर के मुताबिक, शिकायतकर्ता दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया कि अस्पताल दिशानिर्देशों के अनुरूप कोविड-19 मरीजों के नमूने लेने के लिए आरटी-पीसीआर ऐप का इस्तेमाल नहीं कर रहा है जबकि प्रयोगशालाओं के लिए यह अनिवार्य है।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल की ओर से महामारी रोग कानून-1897 के तहत जारी कोविड-19 नियमों का भी उल्लंघन किया गया। उल्लेखनीय है कि 675 बिस्तरों वाले सर गंगाराम अस्पताल को दिल्ली सरकार ने कोविड19 समर्पित अस्पताल घोषित किया है और 80 प्रतिशत बिस्तरों को कोरोना वायरस से संक्रमितों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है।