दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भाजपा नेता मुकुल रॉय को दस दिन तक दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दे दिया ताकि वह नकदी बरामदगी मामले में अग्रिम जमानत के लिए कोलकाता की निचली अदालत में याचिका दायर कर सकें। उन्हें राहत देते हुए न्यायमूर्ति ए के चावला ने रॉय से इस मामले की जांच में शामिल होने और शुक्रवार को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा।
इस निर्देश के साथ अदालत ने भाजपा नेता की उस याचिका को निपटा दिया जिसमें इस मामले में पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा उन्हें जारी नोटिसों को चुनौती दी गई थी।
रॉय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम और अधिवक्ता समीर कुमार ने दावा किया था कि उन्हें नोटिस पश्चिम बंगाल के पते पर जारी हुए लेकिन वास्तव में वह दिल्ली में रह रहे हैं। कोलकाता पुलिस ने इसका विरोध किया। यह मामला 31 जुलाई 2018 को कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में एक व्यक्ति से 19 लाख रुपये बरामद होने से जुड़ा है जिसके बाद उसे तथा कुछ अन्य को गिरफ्तार किया गया था। रॉय का फोन नंबर कथित रूप से एक आरोपी की कॉल लिस्ट में मिला था।