दिल्ली में वैश्विक महामारी का प्रकोप जारी है। राजधानी में घातक बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यहा पर कोरोना संक्रमितों के आंकड़े बाद रहे है। इसी के मद्देनजर शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि उसने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के कारण प्रत्यक्ष सुनवाई करने वाली पीठों की संख्या कम कर दी है और अधिकतर वकील भी डिजिटल सुनवाई को तरजीह दे रहे हैं।
रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन के कार्यालय से जारी एक नोट के अनुसार दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पूर्ण अदालत ने प्रत्यक्ष सुनवाई जारी रखने के विषय पर विचार-विमर्श किया और उन्हें पूरी तरह से बंद नहीं करने का फैसला किया। एक सितंबर से प्रत्यक्ष सुनवाई शुरू हुई हैं।
पूर्ण अदालत ने फैसला किया कि 15 सितंबर से हर दिन प्रत्यक्ष सुनवाई एक खंडपीठ और दो एकल न्यायाधीशों द्वारा बारी-बारी से की जाएगी। अभी तक दो खंडपीठ और तीन एकल न्यायाधीश बारी-बारी के आधार पर प्रत्यक्ष सुनवाई कर रहे हैं।