दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से प्राप्त आपराधिक अवमानना मामला वापस कैट को भेज दिया कि इसकी सुनवाई उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि अवमानना के ऐसे मामलों पर सुनवाई करने का विशेषाधिकार कैट को प्राप्त है।
उच्च न्यायालय व्हिसिल ब्लोअर अधिकारी संजीव चतुर्वेदी से जुड़े एक मामले में अधिकरण के आदेश पर कैट के प्रधान पंजीयक की ओर से अप्रैल में प्राप्त संदेश (रेफरेंस) के आधार पर दर्ज मामले की सुनवाई कर रहा था। आदेश में खुली अदालत में हुए घटनाक्रम सुनवाई का सारांश मौजूद थे। उसमें चतुर्वेदी के वकील महमूद प्राचा को जारी कारण बताओ नोटिस।