दिल्ली हाई कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से जवाब मांगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता सदरे आलम की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए मामले पर अगली सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तारीख तय की है।
एनजीओ ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (सीपीआईएल) की ओर से पेश होते हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि आलम की याचिका दुर्भावनापूर्ण और सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका की ‘‘पूरी तरह नकल’’ है। इस एनजीओ ने अस्थाना की नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जनहित याचिका का विरोध किया और गुण-दोष के आधार पर उसका जवाब देने के लिए वक्त मांगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हाई कोर्ट के समक्ष मौजूदा याचिका की उस याचिका से नकल की गयी है जो सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
हाई कोर्ट में अपनी याचिका में आलम ने अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने के गृह मंत्रालय के 27 जुलाई के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। साथ ही उन्होंने अंतर कैडर नियुक्ति और उनके सेवा विस्तार की अनुमति देने वाले आदेश को भी रद्द करने का अनुरोध किया।
वकील बी एस बग्गा के जरिए दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में जारी निर्देश के अनुसार दिल्ली पुलिस आयुक्त की नियुक्ति के लिए कदम उठाने का भी अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर ऐसी ही एक याचिका में सीपीआईएल ने केंद्र सरकार को 27 जुलाई का आदेश दिखाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जिसमें गुजरात कैडर से अस्थाना की एजीएमयूटी कैडर में नियुक्ति को मंजूरी दी गयी है।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अस्थाना की सेवा अवधि के विस्तार का केंद्र का आदेश भी रद्द करने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को हाई कोर्ट को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने के खिलाफ लंबित याचिका पर दो हफ्तों के भीतर फैसला करने को कहा था।