नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के दौरान सार्वजानिक सम्प्पति को नुकशान करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की और सख्त कारवाही करते हुए वोटों की गिनती पर रोक लगा दी .
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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के नतीजे तब तक घोषित नहीं किए जाएंगे जब तक सार्वजनिक संपत्तियों से गंदगी साफ नहीं की जाती। अदालत ने अपने आदेश में साफ-साफ कहा है कि जब तक सार्वजनिक संपत्तियों पर लगे ,चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के द्वारा लगाए पोस्टर और होर्डिंग नहीं हट जाते तब तक चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं की जाएगी. अदालत ने यह भी कहा कि जब तक सार्वजनिक संपत्ति की साफ सफाई नहीं हो जाती,तब तक वह परिणाम जारी करने का आदेश नहीं देगा। अदालत ने ईवीएम और बैलेट पेपर्स को अगले आदेश तक सीज रखने का निर्देश दिया है, पर चुनाव पर रोक नहीं लगाई है। डीयू ने अदालत से कहा कि 27 सितंबर को चुनाव करवाने के लिए पूरी मशीनरी तैयार है, तब अदालत ने रोक नहीं लगाने का फैसला किया।
अदालत ने साफ साफ कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान जितनी भी सार्वजनिक संपत्ति को गंदा किया गया है, उसके साफ सफाई में जो भी लागत आएगी उसकी भरपाई दिल्ली यूनिवर्सिटी को करनी होगी। अदालत ने आज अपने फैसले में कहा कि यूनिवर्सिटी इस लागत को चुनाव लड़ने वाले उन उम्मीदवारों से वसूल सकती है, जिन्होंने गंदगी फैलाई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके साथ ही डूसू चुनावों पर कई कड़ी और गंभीर टिप्पणियां की हैं। हाई कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि यह लोकतंत्र का उत्सव है या मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया, अदालत ने डूसू चुनाव में पानी की तरह रुपयों को बहाए जाने पर चिंता व्यक्त की।
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