दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने वाट्सऐप (WhatsApp) और फेसबुक (Facebook) की याचिका पर सुनवाई के लिए 27 अगस्त का दिन निश्चित किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने वाट्सऐप और फेसबुक को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा उन्हें जारी नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में आईटी नियमों को लागू किया था। इस पर वाट्सऐप ने सरकार के खिलाफ चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। नियमों के अनुसार इन दोनों प्लेटफॉर्म पर भेजे गए खास मैसेजेस के ऑरिजन का पता लगाने के लिए इसे “ट्रेस” की जरूरत होगी।
दरअसल, वाट्सऐप ने भारत सरकार के नए सोशल मीडिया नियमों (IR Rules) को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत मैसेज सर्विस के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि किसी मैसेज की शुरुआत किसने की। कंपनी ने कहा कि कंपनी द्वारा चैट पर “निगाह रखने” संबंधी नियम प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन हैं और यह “असंवैधानिक” है।
उन्होंने कहा कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने की आवश्यकता, उन्हें वाट्सऐप पर भेजे गए हर एक मैसेज का फिंगरप्रिंट रखने के लिए कहने के बराबर है. यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के प्राइवेसी के अधिकार को कमजोर करेगा।
नए आईटी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021, के जरिए सोशल मीडिया कंपनियों को अधिक से अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने की कवायद चल रही है। भारत सरकार के नए आईटी नियम बुधवार 26 मई से प्रभाव में हैं और इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी।
वाट्सऐप की याचिका में कहा गया है कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर निगाह रखने का दबाव एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और यह लोगों के प्राइवेसी के अधिकार और वाट्सऐप का उपयोग करने वाले करोड़ों नागरिकों के सुरक्षित तरीके से विचार रखने की स्वतंत्रता के अधिकार को कमजोर करेगा।