कोरोना वायरस ने महामारी का रूप ले चुका है और अब तक इस वायरस ने कई राज्यों में दस्तक दे दी है। इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के एहतियाती उपायों के बारे में और दिशानिर्देश जारी करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायाधीश सी हरिशंकर की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब उसके समक्ष एक वकील ने कहा कि अदालत परिसर के सभी कैश काउंटर और फोटोकॉपी की दुकान वालों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करना चाहिए।
कोरोना वायरस ने 14 राज्यों में दी दस्तक, ओडिशा में वायरस के पहले मामले की हुई पुष्टि
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि अदालत परिसर के कैश काउंटर और फोटोकॉपी की दुकान वाले केवल नकद स्वीकार करते हैं और कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिये उन्हें डिजिटल भुगतान भी स्वीकार करना चाहिए।इस पर, पीठ ने कहा, ”परेशान मत होइए। हम इस बारे में अधिक दिशानिर्देश जारी करेंगे।”
इन काउंटरों पर वकीलों और वादियों को न्यायालय फीस और स्टांप फीस का भुगतान नकद में ही करना पड़ता है।अदालत में इस समय केवल जरूरी मामलों की सुनवाई के साथ ही अन्य मुकदमों में तारीखें दी जा रही हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने के कारण दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला किया था कि 16 मार्च से केवल जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी।