राजधानी दिल्ली में एमसीडी चुनाव को हुए 2 महीनों से भी ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद अब तक मेयर पद की सीट खाली है। एक बार फिर बुधवार को मेयर पद का चुनाव होना है। बता दें चुनाव के मद्देनजर सदन के चैम्बर में महिलाओं समेत कई असैन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सिविक सेंटर के परिसर में बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
दरअसल, इससे पहले तीन बार दिल्ली नगर निगम के महापौर पद के लिए चुनाव के लिए किए गए प्रयास असफल हुए है। प्रयासों के पश्चात उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बुधवार को नए महापौर का चुनाव होगा।निगम सदन की बैठक में महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए चुनाव होगा।उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले सप्ताह महापौर पद का चुनाव कराने के लिए निगम सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी दे दी थी।
शीर्ष अदालत ने 17 फरवरी को महापौर, उपमहापौर और नगर निकाय की स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के भीतर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।न्यायालय ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया।शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा एमसीडी में नामित सदस्य महापौर चुनने के लिए मतदान नहीं कर सकते।
जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी
हालांकि, नगर निगम चुनाव हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है जो पिछले साल चार दिसंबर को हुआ था।नगर निगम चुनाव के एक महीने बाद छह जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।इसके बाद 24 जनवरी और फिर छह फरवरी को बुलाई गई दूसरी और तीसरी बैठक भी इस कवायद को पूरा करने में विफल रही और दोनों बैठकों को महापौर का चुनाव किए बिना स्थगित कर दिया गया।