दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का शासन अब पूरी तरहे से खत्म हो गया क्योंकि आम आदमी पार्टी ने बहुमत का आकड़ा पूरी तरह से पार कर लिया है। इस बार एमसीडी में केजरीवाल की झाड़ू चलेगी। बीजेपी पंद्रह साल से अपने शासन को स्थापित करने में बरकरार रही थी और चुनाव प्रचार में बीजेपी पार्टी ने अपनी ताकत झोंक दी थी। लेकिन शुरूआती आकड़ों की गिनती शुरू होते ही आप पार्टी का वर्चस्व ही नजर आ रहा था।
चुनावों की ताऱीखों का ऐलान होने में लगा थोड़ा समये
साल 2022 के शुरूआत होते ही राजधानी में तीनों म्युनिसिपल कारपोरेशन का कार्याकल खत्म हो गया था। आपकों बता दें कि इनके कार्याकल खत्म होने के बाद से ही तुरंत चुनाव करा लिये जाते है। लेकिन अन्य परिस्थितियों के चलते चुनाव की तारीखों का ऐलान होने में थोड़ा समये लग गया ।
कुछ महीनों पहले ही तीनों निगमों का हुए एकीकरण
आपकों बता दें कि राज्य के चुनाव आयुक्त विजय देव ने कहा, ''डीएमसी एक्ट में संशोधन के बाद म्युनिसिपल कारपोरेशन का एकीकरण किया गया. यानी एक यूनिफ़ाइड म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की स्थापना की गई. पहले राजधानी दिल्ली में कुल तीन नगर निगम थे, जो एकीकरण के बाद एक हो गए. इसके बाद परिसीमन प्रक्रिया जरूरी थी. ये एक लंबी प्रक्रिया होती है और इसे पूरा करने में वक्त लगा और यही कारण था कि चुनाव के तारीख की घोषणा में देरी हुई।
'आप' पार्टी ने कही यह बात
राजधानी में एमसीडी चुनाव में देरी को लकेर आम आदमी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था । ताकि चुनावों को जल्द से जल्द कराया जा सकें। वहीं, आप पार्टी का मानना था कि यह भाजपा पार्टी के दावंपेच है ताकि इसे कुछ समयें तक टाला जा सकें । जिससे की पार्टी हिमाचल और गुजरात चुनाव में अपनी अहम भूमिका निभा सकें।