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दिल्ली मेट्रो : 25 दिसंबर से मजेंटा लाइन पर चल सकती है ड्राइवरलेस मेट्रो

दिल्ली में मजेंटा लाइन पर 25 दिसंबर से ड्राइवरलेस मेट्रो चल सकती है। यह देश में मेट्रो के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी।

दिल्ली में मजेंटा लाइन पर 25 दिसंबर से ड्राइवरलेस मेट्रो चल सकती है। यह देश में मेट्रो के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी। मेट्रो परिचालन के 18 वर्ष पूरे होने के मौके पर 25 दिसंबर को इसकी शुरुआत की जा सकती है। मजेंटा लाइन से चालक रहित मेट्रो की शुरुआत हो सकती है। दिल्ली मेट्रो की ओर से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने पीएम मोदी न्योता दिया है। हालांकि, उनकी तरफ से समय मिला है कि नहीं इसे लेकर अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।


राजधानी दिल्ली में मेट्रो के कारण सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था काफी आसान हुई है। यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक सफर करा रही मेट्रो समय के साथ तकनीकी रूप से अपना विकास भी करती रही है हालांकि, समय-समय पर इसे तकनीकी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा है, जिसके कारण यात्रियों को परेशानी भी हुई है। इसके बावजूद मेट्रो सार्वजनिक परिवहन के मामले में दिल्ली के लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। 

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा नियुक्त कंसल्टेंट ने परिचालन के ढांचे और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं की विस्तृत समीक्षा कर रिपोर्ट सौंप दी है। चालक रहित मेट्रो को चलाने के लिए सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। ट्रायल का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। दिल्ली मेट्रो ने जब फेज तीन के तहत दो कॉरिडोर पिंक लाइन शिव विहार से मजलिस पार्क और मजेंटा लाइन पर काम शुरू किया था तो, तब पहले दिन से ही चालक रहित मेट्रो चलाने के लिए कम्युनिकेशन बेस्ड सिग्नलिंग सिस्टम का प्रयोग किया था। मगर भारत में यह तकनीकी नई होने के कारण इसे पूरी तरह से ट्रायल के बाद अब शुरू करने की तैयारी है।
चालक रहित मेट्रो में शुरुआत में हर ट्रेन के अंदर एक मेट्रो सहायक रहेंगे। यह चालक नहीं होंगे मगर यह यात्रियों के मदद के लिए मौजूद रहेगा। ट्रेन के अंदर यात्री के लिए सीधे कंट्रोल रूम में संपर्क करने की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। अगर 38 किलोमीटर लंबी मजेंटा लाइन पर चालक रहित मेट्रो के सफल परिचालन हो जाता है तो इसके बाद अन्य लाइन पर इसका प्रयोग किया जाएगा। 25 स्टेशन वाली मजेंटा लाइन दिल्ली नोएडा को आपस में जोड़ने के साथ दक्षिणी दिल्ली से नोएडा की दूरी कम करती है। यह लाइन एयरपोर्ट लाइन को भी जोड़ती है।
ड्राइवरलेस मेट्रो के यह फायदे होंगे कि मैनुअल गलती की संभावना ना के बराबर होगी। मेट्रो की स्पीड में वृद्धि आएगी तथा सफर का समय कम होगा। दो मेट्रो के बीच की दूरी कम की जा सकेगी जिसके कारण फ्रीक्वेंसी बढ़ेगी जिसके बाद से यात्री ट्रेन वाली दिशा में सामने जाकर देख सकेंगे। 

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