दिल्ली की एक अदालत ने मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंतरराष्ट्रीय साजिश रचने के मामले में बुधवार को सेमिनलुन गंगटे को 30 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गंगटे को उनकी 8 दिन की एनआईए हिरासत की अवधि खत्म होने पर विशेष न्यायाधीश संजय गर्ग 9एफ पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 19 जुलाई को यहां आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था।
इससे पहले, एजेंसी ने 51 वर्षीय गंगटे को पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से गिरफ्तार किया और ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले गई।
इससे पहले एक बयान में एनआईए के प्रवक्ता ने कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि म्यांमार और बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूहों ने भारत में आतंकवादी नेताओं के एक वर्ग के साथ साजिश रची है।
प्रवक्ता ने कहा की उनका उद्देश्य विभिन्न जातीय समूहों के बीच दरार पैदा करने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हिंसा की घटनाओं में शामिल होना है। इस उद्देश्य के लिए उपरोक्त नेतृत्व हथियार, गोला-बारूद और अन्य प्रकार के आतंकवादी हार्डवेयर की खरीद के लिए धन मुहैया करा रहा है, जिसे सीमा पार से और साथ ही उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों से उकसाने के लिए प्राप्त किया जा रहा है।"