दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल ने शनिवार को एक परिपत्र जारी करके अपने नर्सिंग कर्मियों को काम के दौरान मलयालम भाषा का इस्तेमाल नहीं करने को कहा क्योंकि ‘‘अधिकतर मरीज और सहकर्मी इस भाषा को नहीं जानते हैं’’ जिसके कारण बहुत असुविधा होती है।
यहां की प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जीआईपीएमईआर) द्वारा जारी परिपत्र में नर्सों से कहा गया है कि वे संवाद के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग करें या ‘कड़ी कार्रवाई’ का सामना करने के लिए तैयार रहें ।
जीबी पंत नर्सेज एसोसिएशन अध्यक्ष लीलाधर रामचंदानी ने दावा किया कि यह एक मरीज द्वारा स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को अस्पताल में मलयालम भाषा के इस्तेमाल के संबंध में भेजी गई शिकायत के अनुसरण में जारी किया गया है। उन्होंने हालांकि कहा कि ‘‘एसोसिएशन परिपत्र में इस्तेमाल किए गए शब्दों से असहमत है।’’ इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि मलयालम किसी भी अन्य भारतीय भाषा की तरह ही भारतीय है। भाषा भेदभाव बंद करो!
Malayalam is as Indian as any other Indian language.
Stop language discrimination! pic.twitter.com/SSBQiQyfFi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2021