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राजघाट पर धरने पर बैठे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने में मदद के लिए सशस्त्र बलों को तैनात करने की मांग करते हुए सोमवार को यहां राजघाट पर धरने पर बैठ गये।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने में मदद के लिए सशस्त्र बलों को तैनात करने की मांग करते हुए सोमवार को यहां राजघाट पर धरने पर बैठ गये। सिन्हा के साथ आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और दिलीप पांडेय भी शामिल हुए और उन्होंने लॉकडाउन की वजह से जहां-तहां फंसे हुए प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए उचित बंदोबस्त करने की मांग की। 
हालांकि शाम को दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उन्हें पास के एक थाने में ले जाया गया। सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली पुलिस ने कुछ देर पहले हमें गिरफ्तार कर लिया।’’ पुलिस की ओर से इस मामले में तत्काल कोई बयान नहीं आया है। 

पूर्व भाजपा नेता और नरेंद्र मोदी सरकार के घोर आलोचक सिन्हा ने कहा कि असैन्य प्राधिकार सड़कों पर पैदल चलने को बाध्य हुए प्रवासी मजदूरों की मदद करने में नाकाम रहे हैं, फिर चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें। 
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी साधारण सी मांग है कि सशस्त्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों को जिम्मेदारी दी जाए कि वे अपने पास मौजूद सभी संसाधनों और वे जिन असैन्य संसाधनों को ले सकते हैं, उनका उपयोग करके इन प्रवासी श्रमिकों को सम्मान के साथ उनके घर पहुंचाएं।’’ 

पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने से पहले सिन्हा ने कहा था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह धरने पर बैठे रहेंगे। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा को केवल अमीरों की चिंता है और उसने गरीबों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। 
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास कोई रणनीति नहीं है क्योंकि उसकी प्रवासियों की मदद करने की कोई इच्छाशक्ति नहीं है। भाजपा की सरकार गरीब-विरोधी है। आप विदेश से लोगों को बुला सकते हैं लेकिन सड़कों पर पैदल चल रहे मजदूरों की मदद नहीं कर सकते। इस संकट से यह बात साबित हो गयी है।’’ 
आप विधायक दिलीप पांडेय ने कहा कि सरकार को प्रवासियों के प्रति कुछ संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास रोजाना 20 हजार ट्रेनें चलाने की और देशभर में 2.3 करोड़ लोगों को यहां-वहां पहुंचाने की क्षमता है। लोगों की मदद के लिए सरकार को इस क्षमता का इस्तेमाल करना चाहिए।’’ 
बाद में आप नेताओं ने धरना समाप्त कराने और उन्हें हिरासत में लिये जाने के पुलिस के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। संजय सिंह ने कहा कि क्या प्रवासियों के अधिकारों के लिए धरना देना अपराध है। पांडेय ने कहा कि नफरत फैलाने वाले नेताओं को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, लेकिन गरीब प्रवासियों के अधिकारों के लिए लड़ने वालों को हिरासत में ले लिया जाता है। 

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