उत्तर पूर्वी दिल्ली और जामिया हिंसा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन में शामिल लोगों की गिरफ्तारी पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से लगातार सवाल उठाया जा रहा था । इस बीच सोमवार को दिल्ली पुलिस ने उन सारे सवालों का खंडन किया और स्पष्ट कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा और जामिया में हुई हिंसा की जांच पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जा रही है।
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— Delhi Police (@DelhiPolice) April 20, 2020
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली और जामिया हिंसा की जांच ईमानदारी और निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। हिंसाग्रस्त इलाकों से मिले वीडियो फुटेज और साक्ष्यों की वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद ही गिरफ्तारियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगों की साजिश करने वाले दोषियों को कानून के तहत सजा दिलाने के साथ साथ बेकसूर लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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दिल्ली पुलिस ने कहा कि कुछ लोग तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर झूठे प्रोपगेंडा और अफवाहों को फैलाने का काम कर रहे हैं इससे पुलिस जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पुलिस शांति, सेवा और न्याय के लिए निरंतर बिना रुके अपना काम करती रहेगी।
बता दें कि पिछले दिनों जामिया में सीएए के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाने वाले दो छात्रों की गिरफ्तारी पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक संघों था अन्य सामाजिक संगठनों ने इसकी आलोचना करते हुए हुए छात्रों की रिहाई की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान जानबूझकर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।