दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले, आईटीओ और सात अन्य स्थानों पर हुई हिंसा से संबंधित मामलों की जांच करेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में अब तक 33 प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है।
हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि 44 लोगों के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किये गये है। केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान यूनियनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। कई प्रदर्शनकारी लाल किले पहुंच गये थे।
दिल्ली पुलिस की विशेष यूनिट्स क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में हिंसक प्रदर्शनकारियों और एफआईआर में नामजद लोगों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की कई वीडियो और सीसीटीवी फुटेज सामने आई हैं। पुलिस ने अब विरोध के दिन पुलिसकर्मियों की ओर बनाई गई वीडियो रिकॉर्डिग एकत्र करना शुरू कर दिया है और इसके साथ ही विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित फुटेज के अलावा अन्य लोगों के मोबाइल में बनाई गई वीडियो और खींची गई तस्वीरों को खंगालना शुरू कर दिया है।
प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के एक गुट की ओर से गणतंत्र दिवस पर हिंसा देखने को मिली थी। उन्हें रोकने की कोशिश कर रही पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प भी हुई, जिसमें कम से कम 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए। लाठी के साथ ही भाले और तलवार लिए प्रदर्शनकारियों में से कई ने पुलिस पर हमला किया, जिसके बाद घायलों को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसक झड़प की सूचना आईटीओ, लाल किला, नांगलोई, मुकरबा चौक, गाजीपुर और एनएच-24 से भी मिली। इससे पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने कहा कि हिंसा करने वालों की पहचान के लिए चेहरा पहचानने वाली तकनीक (एफआरटी) का प्रयोग किया जाएगा।
डीसीपी भी अपने क्षेत्रों में हिंसा के सबूतों पर कड़ी नजर रखते रहे हैं। डीसीपी (पूर्व) दीपक यादव ने कहा, “गैरकानूनी कामों में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”अस्पतालों में भर्ती घायल पुलिसकर्मी भी मामले में मुख्य गवाह होंगे।
दिल्ली पुलिस ने हिंसा के संबंध में एफआईआर में नामित किसान नेताओं के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि हिंसा के आरोपी देश छोड़कर न जा पाए।