दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इन आरोपों से इंकार किया कि उसने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में वांछित लक्खा सिधाना नाम के व्यक्ति के चचेरे भाई गुरदीप सिंह को पंजाब में ‘अवैध रूप से’ हिरासत में रखा, जब उसकी एक टीम ने उससे पूछताछ की थी। राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर से आईटीओ पहुंचे हजारों किसानों की पुलिस से झड़प हुई थी। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुंच गए और स्मारक के अंदर घुसकर धार्मिक झंडा लगा दिया। हिंसा की घटनाओं में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें पता चला है कि गुरदीप सिंह उर्फ मुंडी को पंजाब में दिल्ली पुलिस की एक टीम द्वारा हिरासत में लेने के बारे में सोशल मीडिया पर आरोप लगाया जा रहा है और दुष्प्रचार किया जा रहा है। बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर हिंसा के सिलसिले में कई मामले दर्ज किए गए हैं, काफी संख्या में संदिग्धों से पूछताछ की गई है और दिल्ली एवं कई अन्य राज्यों के करीब 160 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सिधाना इनमें से कुछ मामलों में वांछित है और गिरफ्तारी से बच रहा है।
पुलिस के मुताबिक 8 अप्रैल को सिधाना की तलाश में विशेष प्रकोष्ठ की टीम पटियाला के आसपास घूम रही थी और उसने सिंह से पूछताछ की। उससे सिधाना की मौजूदगी एवं आवाजाही के बारे में पूछा गया और फिर उसे यह कहकर छोड़ दिया गया कि जब भी जरूरत पड़े, वह जांच में सहयोग करे। पुलिस ने कहा कि कानून के मुताबिक जांच चल रही है और अवैध रूप से हिरासत में लेकर पिटाई करने के आरोप पूरी तरह से झूठे एवं बेबुनियाद हैं।