देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में हुई बढ़ोत्तरी के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार बताया जा रहा है। मरकज कार्यक्रम के बाद से ही जमात प्रमुख मौलाना साद कंधालवी फरार चल रहा है। साद की तलाश कर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को उसके ठिकाने का पता चल गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मौलाना साद को दिल्ली के जाकिर नगर में ट्रेस कर लिया गया है। मौलाना साद ने खुद के क्वारंटाइन होने की बात कही थी। जानकारी के मुताबिक पुलिस मौलाना साद से अभी पूछताछ नहीं कर सकती है। क्योंकि साद के क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने में अभी वक़्त बचा हुआ है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने निजामुद्दीन के थाना प्रभारी द्वारा दी गई एक शिकायत पर 31 मार्च को मौलवी सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। थाना प्रभारी ने लॉकडाउन के आदेशों का कथित उल्लंघन करने और कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सामाजिक मेलजोल से दूरी नहीं रखते हुए यहां एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किए जाने के सिलसिले में यह शिकायत की थी।
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इसके एक दिन बाद अपराध शाखा ने मौलाना साद और अन्य को नोटिस देकर आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत ब्यौरा मांगा था। इस हफ्ते उन्हें दूसरा नोटिस भेजा गया। पहले नोटिस में साद ने किसी भी सवाल का मौलाना साद ने सही जवाब नहीं दिया है। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने दूसरा नोटिस भेजकर जीवाब मांगे।
बता दें कि सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। उसी दिन हजरत निजामुद्दीन पुलिस थाने के प्रभारी और मरकज पदाधिकारियों के बीच एक बैठक हुई। इसमें साद, मोहम्मद अशरफ, मोहम्मद सलमान, युनूस, मुरसालीन सैफी, जिशान और मुफ्ती शहजाद शामिल हुए थे तथा उन्हें लॉकडाउन के आदेशों के बारे में सूचना दी गई थी।
हालांकि, यह पाया गया कि बार-बार की कोशिशों के बावजूद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग या अन्य सरकारी एजेंसी को मरकज के अंदर भारी जमावड़े के बारे में नहीं बताया और जानबूझकर सरकारी आदेश की अवहेलना की। डिफेंस कॉलोनी के एसडीएम ने परिसर का कई बार निरीक्षण किया और पाया कि विदेशी नागरिकों सहित करीब 1300 लोग सामाजिक मेलजोल से दूर रहने के निर्देशों का पालन किये बगैर वहां रह रहे हैं। यह भी पाया गया कि सैनेटाइजर और मास्क भी परिसर में नहीं थे।